ताइवान स्ट्रेट में तेजी से बढ़ता तनाव नए साल और नए युद्ध का सायरन बजा रहा है. ताइवान के लोग “वन चाइना पॉलिसी” को अस्वीकार कर चुके हैं, और चीन ताइवान पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश में है. इस बीच, अमेरिका लोकतंत्र के प्रचार और चीन के साथ कोल्ड वॉर में जुटा हुआ है. चीन की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के पास ताइवान पर आक्रमण करने की क्षमता है और इस बाबत समय समय समय पर ड्रैगन अपनी ताकत का प्रदर्शन मिलिट्री ड्रिल के जरिए करता रहा है.
2025 में युद्ध की संभावना
अमेरिकी थिंक टैंक, काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशन्स, की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में चीन और ताइवान के बीच संघर्ष की “मध्यम” संभावना है. यह मुद्दा अमेरिका के लिए उच्च प्राथमिकता वाला है. रिपोर्ट में दक्षिण चीन सागर में चीन की आक्रामक गतिविधियों और अमेरिका में बढ़ते राजनीतिक तनाव को स्थिति को और खराब करने वाले कारकों के रूप में बताया गया है.
ताइवान की सैन्य क्षमताओं में सुधार
चीन के इस आक्रामक रुख को देखते हुए ताइवान ने भी अपनी सैन्य ताकत में बड़ा सुधार किया है. ताइवान को सामरिक लिहाज से अमेरिका भी बड़ी मदद दे रहा है ताकि ताइवान स्ट्रेट में ड्रैगन को काउंटर करना आसान हो.
फाइटर जेट्स
ताइवान को 2024 के अंत तक अमेरिका से 66 F-16 ब्लॉक 70 फाइटर जेट्स मिलेंगे. यह सौदा 247.2 बिलियन ताइवान डॉलर (लगभग 7.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर) का है. यह नए लड़ाकू विमान ताइवान की वायुसेना को मजबूत करेंगे.
मुख्य युद्धक टैंक
अमेरिका ने ताइवान को 38 M1A2T अब्राम्स टैंकों की पहली खेप दी है. ये टैंक चीन के बढ़ते खतरे को देखते हुए ताइवान की जमीनी रक्षा को मजबूत करेंगे.
नौसैनिक प्रणालियां
ताइवान ने दो नई हल्की फ्रिगेट्स का निर्माण शुरू किया है, जिनमें उन्नत मिसाइल लॉन्चर और टो सोनार सिस्टम होंगे. यह परियोजना 2026 तक पूरी होने की उम्मीद है.
पनडुब्बियां
ताइवान ने अपनी पहली स्वदेशी पनडुब्बी, हाई कुन (SS-711), लॉन्च की है. यह पनडुब्बी उन्नत हाइब्रिड डिज़ाइन और टारपीडो ट्यूब्स के साथ बनाई गई है, जो ताइवान की समुद्री रक्षा को और मजबूत करेगी.
मिसाइल कार्यक्रम और नई तकनीकें
स्वदेशी मिसाइलें
हसिओंग फेंग क्रूज़ मिसाइल: 1,200 किमी तक की रेंज के साथ चीनी शहरों को निशाना बना सकती है.
चिंगटियान हाइपरसोनिक मिसाइल: 2,000 किमी से अधिक की रेंज के साथ 2025 में लॉन्च हुई.
इसके अलावा अमेरिका ने ताइवान को स्टिंगर और हार्पून मिसाइल सिस्टम्स जैसे उन्नत हथियार उपलब्ध कराए हैं.
अन्य तकनीकी विकास
ताइवान 2025 तक पहला रॉकेट लॉन्च साइट स्थापित करेगा और सैटेलाइट कम्युनिकेशन के लिए अमेज़न के साथ काम कर रहा है. साथ ही, अमेरिका के साथ मिलकर सैन्य ड्रोन के उत्पादन पर भी ध्यान दिया जा रहा है.
ड्रोन और सैन्य अभ्यास
ताइवान ने हाल ही में चीन के आक्रमण को रोकने के लिए सैन्य अभ्यास किया, जिसमें अपाचे हेलिकॉप्टर और उन्नत टैंक जैसे उपकरण शामिल थे. ताइवान स्ट्रेट में बढ़ते तनाव को देखते हुए, ताइवान अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने और चीन के संभावित आक्रमण को रोकने के लिए हरसंभव कदम उठा रहा है. उन्नत हथियार प्रणालियों और तकनीकी सहयोग के जरिए ताइवान राष्ट्रीय सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहा है. यानी दोनों तरफ बारूदी तैयारी परवान चढ़ रही है जो कभी भी एक चिंगारी से भड़क सकती है.