नई दिल्ली: उपभोक्ताओं की बढ़ती शिकायतों और स्पैम कॉल्स के कारण सरकार ने कंपनियों के लिए मार्केटिंग के नए दिशा-निर्देशों पर सख्ती दिखानी शुरू कर दी है। उपभोक्ता मामलों की सेक्रेटरी निधि खरे ने शुक्रवार को घोषणा की कि विभाग जल्द ही स्पैम कॉल और मैसेज को रोकने के लिए नई गाइडलाइंस जारी करेगा। यह कदम उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए उठाया जा रहा है।
स्पैम कॉल्स और अनचाही मैसेज पर सख्ती
निधि खरे ने बताया कि विभाग ने जून में मसौदा गाइडलाइंस जारी की थी, जिनमें बेकार या प्रमोशनल कॉल्स को लेकर समाधान प्रस्तुत किया गया था। अब, उपभोक्ता मामलों का विभाग अनचाही कॉल्स और मैसेज को रोकने पर काम कर रहा है। इसके अलावा, दूरसंचार विभाग भी नए नियमों पर विचार कर रहा है, ताकि उपभोक्ताओं को इससे बचाया जा सके।
कंपनियों के लिए बड़ा बदलाव
इस कदम के तहत कंपनियां अब कॉल या मैसेज के जरिए उपभोक्ताओं को प्रमोशनल ऑफर्स या सेवाओं के बारे में सूचित नहीं कर सकेंगी, अगर उपभोक्ता ने इसके लिए अपनी सहमति नहीं दी है। इससे उपभोक्ताओं को unwanted मार्केटिंग से निजात मिल सकेगी, और उन्हें कम असुविधा होगी।
समय पर लागू होंगे नए नियम
नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार, कंपनियों को अब उपभोक्ताओं की सहमति के बिना अनचाहे संदेश भेजने या कॉल करने पर कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। ये नए नियम जल्द ही लागू होने की उम्मीद है, जिससे उपभोक्ताओं को सुरक्षित और शांतिपूर्ण डिजिटल अनुभव मिलेगा।