उबर के चक्कर में छूट गई दिल्ली के डॉक्टर की फ्लाइट, देना पड़ा दोगुना किराया, फिर क्या हुआ?

नई दिल्ली: दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग ने टैक्सी एग्रीगेटर उबर को 54,000 रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया है। दिल्ली के एक डॉक्टर ने एयरपोर्ट जाने के लिए उबर से टैक्सी बुक कराई थी लेकिन ड्राइवर समय पर नहीं आया। इस कारण डॉक्टर की फ्लाइट मिस हो गई और उसे दोगुना किराया देकर अगली फ्लाइट से जाना पड़ा। डॉक्टर ने उबर इंडिया के खिलाफ दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग में केस किया। आयोग ने उबर इंडिया को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने कंपनी से डॉक्टर को 45 दिन के भीतर 54,000 रुपये का हर्जाना देने को कहा है। अगर कंपनी ऐसा नहीं करती है तो उसे सालाना 6% ब्याज के साथ यह रकम देनी होगी।

हर्जाने में दूसरी हवाई टिकट खरीदने के लिए खर्च 24,100 रुपये की राशि और मानसिक पीड़ा तथा मुकदमेबाजी शुल्क के लिए 30,000 रुपये की रकम शामिल है। यह मामला करीब तीन साल पुराना है। दक्षिण दिल्ली के इस डॉक्टर को 29 नवंबर, 2021 को इंदौर के लिए विस्तारा की फ्लाइट पकड़नी थी। उसने सुबह 3.15 बजे उबर पर टैक्सी बुक की। लेकिन बुकिंग स्वीकार करने के बावजूद ड्राइवर नहीं आया। डॉक्टर ने आरोप लगाया कि जब उसने उबर के कस्टमर केयर से संपर्क करने की कोशिश की, तो वहां से भी कोई जवाब नहीं मिला। डॉक्टर ने कहा कि वह उबर टैक्सी के आने का इंतज़ार कर रहा था क्योंकि उन्हें लगा था कि ड्राइवर समय पर आ जाएगा क्योंकि उसने बुकिंग की पुष्टि की थी।

आयोग ने क्या कहा

डॉक्टर ने आयोग में कहा कि जब काफी समय बीत गया, तब उसने देखा कि टैक्सी उसके घर की ओर नहीं आ रही थी। जब उसने ड्राइवर को फोन किया तो उसने नहीं उठाया। इसके बाद डॉक्टर ने बुकिंग कैंसिल की और लोकल टैक्सी खोजने की कोशिश की। लेकिन जब तक वह लोकल टैक्सी से एयरपोर्ट पहुंचा तो फ्लाइट जा चुकी थी। डॉक्टर ने फिर दोगुना टिकट देकर दूसरी फ्लाइट का टिकट खरीदा। डॉक्टर ने उबर इंडिया के खिलाफ जिला उपभोक्ता आयोग में मामला दायर किया। उबर इंडिया सुनवाई में शामिल नहीं हुई और आयोग ने डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया।

उबर इंडिया ने दिल्ली राज्य उपभोक्ता आयोग में अपील दायर की। आयोग ने उबर इंडिया को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और डॉक्टर के पक्ष में फैसला सुनाया। आयोग ने कहा कि उबर इंडिया की लापरवाही के कारण डॉक्टर इंदौर के लिए अपनी उड़ान नहीं पकड़ सका। उसे शाम को इंदौर के लिए दूसरी टिकट दोगुनी कीमत पर खरीदनी पड़ी। उबर इंडिया ने दलील दी कि वह एक एग्रीगेटर है और ड्राइवर की गलती के लिए उसे जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। लेकिन आयोग ने उसकी इस दलील का खारिज करते हुए डॉक्टर को 54,000 रुपये का हर्जाना देने का आदेश दिया।

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