नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अज्ञात शवों और लापता लेकिन ‘ढूंढ लिए गए व्यक्तियों’ की पहचान के लिए मंगलवार को बायोमेट्रिक्स तकनीक के इस्तेमाल की जरूरत पर जोर दिया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के साथ तीन नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन पर समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए शाह ने आपराधिक जांच के सभी मामलों में प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि सभी मामलों के लिए पूर्व निर्धारित चरणों में अलर्ट जारी किए जाने चाहिए। पीड़ितों और शिकायतकर्ताओं के फायदे के लिए रजिस्ट्रेशन से लेकर मामले के निपटारे तक की समयसीमा तय की जानी चाहिए।
शाह ने कहा कि अज्ञात शवों और अज्ञात व्यक्तियों की पहचान के लिए बायोमेट्रिक्स तकनीक अपनाई जानी चाहिए। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, शाह ने कहा कि पूर्व निर्धारित समयसीमा के अनुसार जांच अधिकारियों के साथ-साथ वरिष्ठ अधिकारियों को नियमित रूप से अलर्ट भेजने से जांच की प्रक्रिया में तेजी लाने में मदद मिलेगी।
बैठक में अखिल भारतीय स्तर पर अपराध और अपराधी पहचान नेटवर्क और प्रणाली (सीसीटीएनएस) 2.0 और आईसीजेएस, नए आपराधिक कानून और राष्ट्रीय स्वचालित फिंगरप्रिंट पहचान प्रणाली (एनएएफआईएस), जेल, अदालतों, अभियोजन और फोरेंसिक के आईसीजेएस 2.0 के साथ कार्यान्वयन और एकीकरण की समीक्षा की गई।
बयान में कहा गया है कि चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने एनसीआरबी से आईसीजेएस 2.0 में नए आपराधिक कानूनों के पूर्ण कार्यान्वयन की सुविधा प्रदान करने को कहा। उन्होंने प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में ई-साक्ष्य, न्याय श्रुति, ई-साइन और ई-समन जैसे अनुप्रयोगों के उपयोग पर जोर दिया।
शाह ने कहा कि गृह मंत्रालय, एनसीआरबी के अधिकारियों की एक टीम को तकनीकी परियोजनाओं को अपनाने में वृद्धि करने और हरसंभव तरीके से सहायता करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का दौरा करना चाहिए। उन्होंने सीसीटीएनएस और आईसीजेएस की प्रगति की नियमित निगरानी करने और परियोजना को गति प्रदान करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ नियमित संवाद पर जोर दिया।