पहले बुलाते हैं विदेश फिर कराते हैं पाकिस्तानी ऐसा काम कि… लेकिन अब बिहार पुलिस के राडार पर

पटना: बिहार के युवाओं को नौकरी का झांसा देकर विदेशों में साइबर ठगी के धंधे में धकेला जा रहा है। आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने इस रैकेट का खुलासा किया है। कंबोडिया, लाओस और वर्मा जैसे देशों से चीन और पाकिस्तान के हैकर इस धंधे को चला रहे हैं। EOU ने 300 से ज्यादा बिहारी युवाओं को चिन्हित किया है जो इस जाल में फंसे हैं। इन युवाओं को वापस लाने के लिए गृह और विदेश मंत्रालय से मदद मांगी गई है। कुछ बैंक अधिकारी भी जांच के घेरे में हैं।

जानिए क्या पता चला जांच में

EOU की जांच में पता चला है कि कई ट्रैवल एजेंट युवाओं को नौकरी का लालच देकर विदेश भेज रहे हैं। वहाँ चीन और पाकिस्तान के हैकर उन्हें साइबर ठगी की ट्रेनिंग देते हैं और फिर उन्हें ये काम करने पर मजबूर करते हैं।

कई जिलों के युवा फंसे रैकेट में

गोपालगंज, सीवान, पूर्वी चंपारण समेत कई जिलों के युवा इस रैकेट से बाहर निकलने के लिए जूझ रहे हैं। परिवार वाले स्थानीय प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं। कई जगहों पर एजेंटों के खिलाफ FIR भी दर्ज हुई हैं। अब इन युवाओं को वापस लाने के लिए दूतावास स्तर पर कोशिशें की जा रही हैं।

नौकरी के नाम पर जबरन कराई जा रही साइबर ठगी

बिहार के युवा स्थानीय भाषा में बात करके लोगों को आसानी से अपने जाल में फंसा लेते हैं। यही वजह है कि नौकरी के नाम पर बिहार के युवाओं को बुलाकर जबरन साइबर ठगी करवाई जा रही है। EOU को अब तक 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की ठगी के मामले मिले हैं, जिनका संबंध विदेशी लिंक से है।

EOU ने फ्रीज किए डेढ़ करोड़ रुपये

इनमें से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये EOU ने फ्रीज कर दिए हैं। बाकी रकम साइबर अपराधियों ने निकाल ली है। ये सारा पैसा भारतीय बैंकों में खोले गए खातों में ट्रांसफर किया गया था। EOU इन बैंक खातों की भी जांच कर रही है। बिना पूरी जांच और सही कागजात के कंपनियों के नाम पर खाते खोलने वाले बैंक कर्मचारी भी जांच के दायरे में हैं।

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