ईश्वर से तो प्रेम सभी करते हैं, नश्वर रूपी इस संसार में कोई भी एसा नहीं जो इश्वर में आस्था न रखता हो, अगर है तो वह पशु के समान है। क्योंकि सच्चा भक्त ही अपने प्रभु के प्रति समर्पित भावना को अपनी आस्था को खुद में सजा के रखता है। किसी से बयां नहीं करना न ही अपने इष्ट से कभी किसी भी प्रकार की शिकायत करता है। अपने प्रभु से मुक्ति की कामना नहीं करता सच्चा भक्त ईश्वर से मुक्ति की भी याचना नहीं करता है। मन में…