सेब पर स्टिकर कई कारणों से लगाया जाता है, जिनमें से कुछ ऐसे हैं जो शायद अधिकांश लोग नहीं जानते आइए हम आपको इस बात से अवगत कराते हैं।
- उत्पत्ति और पहचान: सेब पर जो स्टिकर होता है, वह आमतौर पर उत्पादक और वितरणकर्ता की जानकारी देता है। इसमें PLU (Price Look-Up) कोड शामिल होता है, जो यह बताता है कि यह सेब किस प्रकार का है, और इसे ऑर्गैनिक, सामान्य, या GMO (Genetically Modified Organism) से संबंधित करता है।
- ट्रैकिंग और ट्रेसबिलिटी: यह स्टिकर फलों के ट्रैकिंग और ट्रेसबिलिटी में मदद करता है। अगर किसी भी समस्या का पता चलता है, तो इसे आसानी से ट्रैक किया जा सकता है कि यह फल कहां से आया था और किस प्रक्रिया से गुजरा था।
- विक्रेता और उपभोक्ता के लिए जानकारी: स्टिकर पर मौजूद कोड और जानकारी विक्रेता को मूल्य निर्धारण में मदद करता है और उपभोक्ता को भी पता चलता है कि फल किस प्रकार का है। उदाहरण के लिए, ऑर्गैनिक फल और सामान्य फल के PLU कोड अलग होते हैं।
- मूल्य निर्धारण: PLU कोड सेब के प्रकार और उसकी गुणवत्ता के अनुसार मूल्य निर्धारण में मदद करता है। यह कोड सेब के प्रकार, आकार, और गुणवत्ता के बारे में जानकारी देता है, जिससे मूल्य निर्धारित करना आसान हो जाता है।
- तथ्य जो शायद 99% लोग नहीं जानते: यह स्टिकर खाद्य सुरक्षित और बायोडिग्रेडेबल होते हैं। इसका मतलब यह है कि अगर गलती से कोई व्यक्ति इसे खा भी लेता है, तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होता।
इस प्रकार, सेब पर स्टिकर का उद्देश्य न केवल जानकारी और पहचान के लिए होता है, बल्कि यह उपभोक्ता सुरक्षा और व्यापार संचालन को भी सरल बनाता है।
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