निर्जला एकादशी, जो कि साल की सबसे कठिन एकादशियों में से एक मानी जाती है, इस दिन न केवल अन्न और जल का त्याग किया जाता है, बल्कि कुछ अन्य चीजों का भी सेवन वर्जित होता है।
निर्जला एकादशी पर इन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए:
नमक: निर्जला एकादशी के दिन सेंधा नमक को छोड़कर किसी भी प्रकार का नमक का सेवन नहीं करना चाहिए।
दाने: इस दिन सभी प्रकार के अनाज, दालें, और चावल का सेवन वर्जित होता है।
लहसुन और प्याज: इन दोनों को तीव्र माना जाता है, इसलिए इन्हें भी एकादशी के दिन नहीं खाना चाहिए।
मांस, मछली और अंडे: किसी भी प्रकार का मांसाहारी भोजन, जिसमें मांस, मछली और अंडे शामिल हैं, का सेवन नहीं करना चाहिए।
शराब और मादक पदार्थ: किसी भी प्रकार का नशा, जैसे शराब, सिगरेट, और अन्य मादक पदार्थों का सेवन भी इस दिन वर्जित होता है।
कड़वे फल और सब्जियां: कड़वे फल और सब्जियां, जैसे करेला, बैंगन, और नीम, भी एकादशी के दिन नहीं खानी चाहिए।
खट्टे पदार्थ: खट्टे फल और सब्जियां, जैसे नींबू, संतरा, और टमाटर, भी इस दिन से बचना चाहिए।
मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन पेट में जलन पैदा कर सकता है, इसलिए एकादशी के दिन इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
तली-भुनी चीजें: तली-भुनी चीजें पचाने में भारी होती हैं, इसलिए इन्हें भी एकादशी के दिन नहीं खाना चाहिए।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि निर्जला एकादशी का व्रत कठिन हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले कभी भी व्रत नहीं रखते हैं। यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो व्रत रखने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
निर्जला एकादशी के दिन, आप निम्नलिखित चीजों का सेवन कर सकते हैं:
फल: केला, सेब, खरबूजा, तरबूज, और मौसमी फल।
सूखे मेवे: बादाम, अखरोट, और किशमिश।
दही: सादा दही बिना किसी स्वाद या मिठाई के।
ककड़ी: ककड़ी का सेवन निर्जलीकरण को रोकने में मदद कर सकता है।
पानी: यदि आप निर्जलीकरण महसूस करते हैं, तो आप थोड़ा पानी पी सकते हैं।
यह भी महत्वपूर्ण है कि आप पूरे दिन हाइड्रेटेड रहने के लिए खूब सारा पानी पीएं, भले ही आप व्रत न रख रहे हों।
निर्जला एकादशी का व्रत आध्यात्मिक शुद्धि और आत्म-नियंत्रण का एक समय है। यह एक ऐसा अवसर है जब हम अपने भौतिक शरीर से जुड़ाव को कम कर सकते हैं और अपनी आत्मा पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।