वारली पेंटिंग एक प्रसिद्ध भारतीय लोक कला है, जो मुंबई के पास स्थित वारल गाँव से उत्पन्न हुई है। यह पेंटिंग संस्कृति, परंपरा और जीवन को दर्शाने का एक माध्यम है।
वारली पेंटिंग में सादे और गोल आकृतियाँ, लकड़ी की कलम और सफेद रंग का प्रयोग किया जाता है। इसकी प्रमुख विशेषता यह है कि इसमें मनुष्य, प्राणी, पक्षी, पेड़-पौधे, सूर्य, चंद्रमा, और प्राकृतिक तत्वों की छवियाँ बनाई जाती हैं।
वारली पेंटिंग के मुख्य विषय मुख्यत: प्राकृतिक जीवन, कृषि, परंपरा, समाजिक समरसता, और धार्मिक मूल्यों पर होते हैं। इसके माध्यम से समुदाय की कहानियों, प्रेरक कहानियों, और संस्कृति को संजीवनी दी जाती है।
वारली पेंटिंग का मुख्य उद्देश्य समरसता, समुदाय की एकता, और संस्कृति के महत्व को प्रस्तुत करना है। इसका प्रकार सरल होता है, परंतु इसमें समृद्धि, संतुलन, और सुंदरता का महत्व होता है।
वारली पेंटिंग को आजकल भारतीय कला के महत्वपूर्ण हिस्से के रूप में माना जाता है।
लेखिका:- साधना मिश्रा