1857 का संग्राम संकल्प, जिसे “1857 का विद्रोह” या “सिपाही विद्रोह “के रूप में भी जाना जाता है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण विद्रोह था। इस संकल्प के माध्यम से भारतीय सेनानियों, सिपाहियों और जनता ने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ उठकर स्वतंत्रता के लिए संघर्ष किया।
1857 का संग्राम संकल्प कुछ मुख्य कारण पर आधारित था, जिनमें निम्नलिखित मुख्य बिंदुशामिल होते हैं:
1. धर्म: धर्म की स्वतंत्रता और समानता की मांग
2. स्वतंत्रता: ब्रिटिश साम्राज्य के विरुद्ध स्वतंत्रता की मांग
3. समरसता: हिंदू-मुस्लिम एकता की मांग
4. स्थानीय प्रशासन: स्थानीय राजनीति और प्रशासन की मांग
1857 का संग्राम संकल्प भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के प्रेरक घटना बना, जो बाद में 1947 में भारत की स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए प्रेरित हुआ।
1857 की क्रांति के प्रमुख पात्र भारतीय सैनिक (सिपाही) थे जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह करते थे, साथ ही इस उप्रणाम की मुख्य पात्रों में कई नेता और व्यक्तियों को भी शामिल किया जा सकता है। कुछ प्रमुख पात्रों में शामिल हैं:
1. मंगल पांडेय: ब्रिटिश पूर्वी भारत कंपनी की सेना में सिपाही थे, जिनके मेरठ में किए गए कार्यों ने विद्रोह को प्रेरित किया।
2. रानी लक्ष्मीबाई: झांसी की रानी, जिन्होंने अपनी सेना के साथ ब्रिटिश के खिलाफ युद्ध किया।
3. बहादुर शाह II: अंतिम मुग़ल सम्राट, जिन्हें विद्रोह के नेता घोषित किया गया था।
4. नाना साहिब: कानपुर में विद्रोह के प्रमुख नेता।
5. तांतिया टोपे: ब्रिटिश सेना के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण सेना सेनापति।
6. बेगम हज़रत महल: अवध के नवाब की पत्नी, जिन्होंने विद्रोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
इनके साथ ही, 1857 की क्रांति में हिस्सा लेने वाले समान्य लोगों, सिपाहियों, और प्रमुखतः समूहों के समर्थन में सहभागी हुए हजारों व्यक्तियों को प्रमुख पात्र माना जा सकता है।
लेखिका:— साधना मिश्रा