ज्योतिर्मठ: उत्तराखंड के जोशीमठ स्थित ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में वह लोगों से सरकार बनने के बाद उसके आलोचक बनने को कह रहे हैं। साथ ही वह कह रहे हैं कि अगर अंधभक्त बने रहेंगे तो देश नहीं चलेगा। बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बाद से लगातार सुर्खियों में हैं। हाल ही में महाराष्ट्र से जुड़े उनके बयान पर काफी विवाद हुआ था।
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का नया वीडियो वायरल
शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का नया वीडियो पोस्ट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर वायरल हो रहा है। इसमें एक युवक उनसे पूछता है कि आपको सरकार का आलोचक माना जाता है। इस पर शंकराचार्य कहते हैं कि हर नागरिक को आलोचक बनना पड़ेगा। अपनी पसंद की सरकार बनाओ, लेकिन उसके बाद उसके आलोचक बन जाओ। अगर अंधभक्त बने रहोगे तो काम नहीं चलेगा। अच्छा करे तो तारीफ करो, बुरा करे तो रोक दो। यही नियम है।
अगर आपने वोट देकर सरकार बनाई है तो अगर कोई दिक्कत हो तो उसे तुरंत रोक दो।
वीडियो में वह आगे कहते हैं कि जैसे हम गाड़ी के पीछे बैठते हैं और ड्राइवर को चाबी देकर कहते हैं कि तुम ड्राइवर हो और गाड़ी चलाओ। लेकिन जब भी वह सड़क काटता है तो हम उसे रोक देते हैं, जबकि वह हमारा ड्राइवर है और हमने उसे नियुक्त किया है। जैसे हम ड्राइवर को चाबी देकर उसे पीछे बैठाकर गाड़ी चलाने को कहते हैं, सरकार भी ऐसी ही है। हमने वोट देकर सरकार बनाई है तो जब दिक्कत होगी तो हम रोकेंगे और रोकेंगे। यही नियम है और इसी तरह सरकार सही तरीके से काम करती है।
‘बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा करे सेना’
इससे पहले शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने मंगलवार को कहा था कि बांग्लादेश की सेना वहां रहने वाले हिंदुओं की सुरक्षा करेगी, क्योंकि इस समय शासन सेना के हाथ में है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने सोमवार को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद हिंदुओं, उनके प्रतिष्ठानों और मंदिरों पर हो रहे हमलों पर चिंता जताई और वहां की सेना से हिंदू लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। शंकराचार्य ने कहा कि हमें बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल के बारे में जानकारी दी गई है। देश में सैन्य शासन है। हम उम्मीद करते हैं कि सेना नागरिकों की सुरक्षा के लिए अपना कर्तव्य जरूर निभाएगी। बांग्लादेश में करीब 10 फीसदी हिंदू रहते हैं। उन्हें सुरक्षा की जरूरत है, इसलिए हम सेना से यह सुनिश्चित करने का आग्रह करना चाहेंगे।