नई दिल्ली। आज 2 सितंबर को हिंदी संगीत जगत के एक ऐसे गायक का जन्मदिन है, जिसने बेहद कम उम्र में ही अपार लोकप्रियता हासिल कर ली थी। उनकी आवाज सुनते ही लोग अपने होश खो बैठते थे। उनके गानों में ऐसा जादू था कि लोग उनके गाने सुनते ही मंत्रमुग्ध हो जाते थे।
इश्मीत सिंह महज 18 साल की उम्र में अपनी मधुर आवाज के जरिए लाखों दिलों की धड़कन बन गए थे। उनका पहला म्यूजिक एल्बम एक धार्मिक गुरबानी ‘सतगुरु तुमरे काज सवारे’ था, जिससे लोग उनकी मादक आवाज के कायल हो गए। उनकी असामयिक मौत की खबर ने भारतीय संगीत जगत और उनके प्रशंसकों को हिलाकर रख दिया।
इश्मीत सिंह का जन्म 2 सितंबर 1988 को लुधियाना निवासी गुरपिंदर सिंह और अमृतपाल कौर के घर हुआ था। उन्हें बचपन से ही संगीत में रुचि थी। उन्होंने लुधियाना के गुरु शब्द संगीत अकादमी के प्रिंसिपल सुखवंत सिंह और अपने चाचा डॉ. चरण कमल सिंह से कीर्तन गायन की ट्रेनिंग ली।
जब इश्मीत सिंह 17 साल के थे, तब उन्होंने रियलिटी शो ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ में हिस्सा लिया था। वह इस रियलिटी शो में हिस्सा लेने वाले सबसे कम उम्र के प्रतियोगियों में से एक थे। उन्होंने अपनी गायकी से जजों और दर्शकों का दिल जीत लिया और शो के फाइनल में पहुंचे। इस शो ने उनकी किस्मत बदल दी।
17 साल की उम्र में जीता पहला रियलिटी शो
इश्मीत सिंह ने 24 नवंबर 2007 को रियलिटी शो ‘वॉयस ऑफ इंडिया’ का खिताब जीता था। वह लखनऊ के हर्षित सक्सेना को हराकर हिंदुस्तान की आवाज बन गए थे। उन्होंने स्वर कोकिला लता मंगेशकर के हाथों ट्रॉफी ग्रहण की थी। इस शो के विजेता बनने के कुछ दिनों बाद ही भारतीय संगीत जगत के लिए एक दुखद खबर आई कि 19 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई।
डूबने से हुई मौत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वे 1 अगस्त 2008 को होने वाली ‘स्टार वॉयस ऑफ मालदीव’ प्रतियोगिता में परफॉर्म करने के लिए मालदीव गए थे। लेकिन, उनके परफॉर्म करने से पहले यानी 29 जुलाई 2008 को महज 19 साल की उम्र में स्विमिंग पूल में डूबने से उनकी मौत हो गई।
उनकी तुलना शान से की गई
उनकी सिंगिंग स्टाइल बॉलीवुड सिंगर शान से काफी मिलती-जुलती थी। सिंगर शान ने एक बार इश्मीत के बारे में कहा था कि जब वे साथ में गाते थे तो उन्हें खुद नहीं पता होता था कि वे कौन सी लाइन गा रहे हैं। इश्मीत पंजाब से थे, लेकिन उन्होंने अपने करियर के दौरान ज्यादातर हिंदी गाने ही गाए।