जमीन की खरीद बिक्री करने, किराएदारी से लेकर किसी प्रकार का एग्रीमेंट करने या हलनामा देने के लिए सबसे जरूरी स्टांप पेपर होता है। ई-स्टांप को यूपी की योगी सरकार और अधिक सुरक्षित बनाने जा रही है।
जमीन की खरीद बिक्री करने, किराएदारी से लेकर किसी प्रकार का एग्रीमेंट करने या हलनामा देने के लिए सबसे जरूरी स्टांप पेपर होता है। अब धीरे-धीरे स्टांप पेपर की जगह ई स्टांप का प्रयोग बढ़ गया है। इस ई-स्टांप को यूपी की योगी सरकार और अधिक सुरक्षित बनाने जा रही है। इसके लिए स्टाम्प एवं पंजीकरण विभाग ने अपनी तैयारियां पूरी कर ली हैं। शुरुआत में छोटी रकम के ई-स्टाम्प के जरिए इस सुविधा का लाभ जनता को देने की तैयारी है। इन ई-स्टाम्प को आधार कार्ड के जरिए ऑनलाइन प्रमाणन के बाद पर्सनलाइज्ड करके उसी आधार कार्ड धारक के द्वारा प्राधिकृत व्यक्ति के प्रयोग के लिए प्राप्त किया जा सकेगा। इससे जाली स्टाम्प के भय से पूरी तरह से मुक्ति मिल जाएगी। विभाग ई-स्टाम्प के नये प्रारूप की डिजाइन भी फाइनल कर चुका है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर फिलहाल 100 रुपए से कम के ई-स्टाम्प को लेकर ये प्रयोग किया जाएगा। नये प्रारूप की रूपरेखा और ई-स्टाम्प को सुरक्षित रखने के लिए 9 प्रकार के विशेष नये सिक्योरिटी फीचर्स इस्तेमाल में लाए गये हैं। इसमें 1-डी बार कोड, स्टैटिक लाइन, एसडी अमाउंट, स्टैटिक एसडी अमाउंट, टेक्स्ट थ्रेड, एएसवाईएम सर्टिफिकेट आईडी, खरीददार का नाम, सिंगल लेयर लोगो, टेक्स्ट थ्रेड डेट, टेक्स्ट रिबन और बीजी का उपयोग किया गया है। इसके जरिए जाली स्टाम्प बनाना असंभव हो जाएगा।
छोटे मूल्य के ई-स्टाम्प की रहती है सबसे अधिक मांग
बता दें कि 10 रुपए के स्टाम्प पेपर के मुद्रण में तकरीबन 16 रुपए का खर्च आता है। इसमें कानपुर डिपो से उसके परिवहन की लागत भी शामिल है। छोटे मूल्य के स्टाम्प का प्रयोग अपेक्षाकृत अधिक होता है। शपथ पत्र, विभिन्न प्रकार की शासकीय योजनाओं, विद्यालय, महाविद्यालय में प्रवेश के वक्त, सेवायोजन में और लोक शिकायतों में छोटे मूल्य के स्टाम्प पेपर इस्तेमाल में लाए जाते हैं। 2023-24 के आंकड़ों पर गौर करें तो 100 रुपए से अधिक मूल्य के 47 लाख से अधिक ई-स्टाम्प जारी किये गये।
वहीं 100 रुपए से कम मूल्य के 2 करोड़ 56 लाख से अधिक ई-स्टाम्प पेपर जारी किये जा चुके हैं। माना जाता है कि छोटे मूल्य के स्टाम्प पर आनुपातिक कमीशन कम होता है, ऐसे में अक्सर ऐसी शिकायतें भी मिलती हैं कि कुछ वेंडर छोटे मूल्य के स्टाम्प की कृत्रिम किल्लत बताकर कालाबाजारी का भी प्रयास करते हैं। अब छोटे मूल्य के सुरक्षित ई-स्टाम्प की उपलब्धता के बाद इस प्रकार की परेशानियों से भी निजात मिलेगी।