हिंडनबर्ग रिसर्च: हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट ने फिर सनसनी मचा दी है। इस बार अमेरिकी शॉर्ट सेलर कंपनी ने शेयर बाजार को नियंत्रित करने वाली संस्था सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाया है। माधवी पुरी बुच और धवल बुच ने शनिवार देर रात आई रिपोर्ट का खंडन किया है और इसे ‘निराधार’ और चरित्र हनन की कोशिश बताया है।
बता दें, हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि सेबी चेयरपर्सन माधवी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफनिंग कांड में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।
‘चरित्र हनन की कोशिश’
सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने कहा कि उन्हें कोई भी वित्तीय कागजात दिखाने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। उन्होंने कहा है कि हिंडनबर्ग ने सेबी के कारण बताओ नोटिस और कार्रवाई के जवाब में यह ‘चरित्र हनन का प्रयास’ किया है।
उन्होंने कहा, ’10 अगस्त 2024 की हिंडनबर्ग रिपोर्ट में हमारे खिलाफ लगाए गए आरोपों पर हम यह कहना चाहेंगे कि हम रिपोर्ट में लगाए गए निराधार आरोपों का खंडन करते हैं। इसमें कोई सच्चाई नहीं है। हमारा जीवन और वित्तीय स्थिति एक खुली किताब की तरह है। हमें सभी वित्तीय दस्तावेज दिखाने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। इसमें वे कागजात भी शामिल हैं जब हम और पुरी आम नागरिक थे।’
इस बार हिंडनबर्ग ने क्या आरोप लगाया है?
अमेरिका स्थित शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने 10 अगस्त को अपनी नई रिपोर्ट में आरोप लगाया कि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी के ‘मनी साइफनिंग स्कैंडल’ में इस्तेमाल किए गए ऑफशोर फंड में हिस्सेदारी थी।
हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया कि सेबी जनवरी 2023 में प्रकाशित हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में अनिच्छुक था क्योंकि सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच के पास अडानी समूह से जुड़े ऑफशोर फंड में निवेश था। अडानी समूह और उसके अध्यक्ष गौतम अडानी ने कई मौकों पर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा अपनी जनवरी 2023 की रिपोर्ट में लगाए गए सभी आरोपों का खंडन किया है।