नई दिल्ली। नीट पेपर लीक का मामला अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है। अब इस मामले में एक बड़ा खुलासा हुआ है। इस मामले में चार आरोपियों का कबूलनामा सामने आया है। बता दें कि नीट परीक्षा विवाद के बीच नेट परीक्षा रद्द कर दी गई है। शिक्षा मंत्रालय ने कल राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा (यूजीसी नेट 2024) को रद्द करने का आदेश दिया और मामले को जांच के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया। तो आइए जानते हैं कि इस मामले में चारों आरोपियों ने अपने कबूलनामे में क्या खुलासा किया है।
आरोपी ने कबूलनामे में क्या कहा?
इस मामले में आरोपी अनुराग यादव ने कहा कि मैं कोटा के एलन कोचिंग सेंटर में NEET परीक्षा की तैयारी कर रहा था। मारा फुआ जूनियर इंजीनियर के रूप में काम करती हैं। एक दिन मेरी फुआ ने मुझसे कहा कि NEET की परीक्षा 05।05।24 को है, तुम कोटा से वापस आ जाओ। परीक्षा की सभी तैयारियां कर ली गई हैं। जिसके बाद उनके अनुरोध पर मैं कोटा से वापस आ गया।
मेरी फुआ मुझे 04.05.24 की रात अमित आनंद और नीतीश कुमार के साथ छोड़ कर चली गयी। जहां नीट परीक्षा का प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका दी गई। जहां रात में मुझे परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की तैयारी करायी गयी। मेरा सेंटर डीवाई पाटिल स्कूल में था और जब मैं परीक्षा देने स्कूल गया तो प्रश्नपत्र पूरा याद था। परीक्षा में मुझे वही प्रश्न मिले जो मैंने रात में याद किये थे। परीक्षा के बाद अचानक पुलिस आई और मुझे गिरफ्तार कर लिया, जिसके बाद मैंने अपना अपराध कबूल कर लिया। ये मेरा बयान है।
चौंकाने वाले खुलासे
सिकंदर प्रसाद यादवेन्दु बिहार के दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर हैं। उन्होंने हाल ही में अपने कन्फेशन नोट में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। सिकंदर ने कहा कि मैंने चार नीट परीक्षार्थियों आयुष राज, शिवनंदन कुमार, अभिषेक कुमार और अनुराग यादव को पटना में रहने में मदद की। अनुराग मेरा भतीजा था। वह अपनी मां रीना कुमारी के साथ पटना आये थे।
यादवेंदु ने कहा कि वह एक ऐसे रैकेट के संपर्क में था जिसने न केवल NEET बल्कि बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) परीक्षाओं के प्रश्न पत्र लीक किए थे। इसके अलावा जिन गेस्ट हाउसों में अभ्यर्थी रुके थे, उनके बिल भी प्राप्त कर लिए गए हैं। गेस्ट हाउस की बिल बुक में एक ‘मंत्रीजी’ का भी जिक्र है, जिन्होंने अनुराग यादव और उनके सहयोगियों को आवास उपलब्ध कराया था।