बीजापुर नक्सली: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में पिछले पांच दिनों में नक्सलियों ने अलग-अलग घटनाओं में कम से कम तीन ग्रामीणों की हत्या कर दी है। पुलिस के अनुसार, हत्याओं के पीछे का मकसद युवाओं को सुरक्षा बलों में शामिल होने से रोकना था, क्योंकि सभी पीड़ितों को ‘पुलिस मुखबिर’ बताया गया था।
पीड़ितों में मिरतुर इलाके के सुदूर गांव तिमनार का सुदरू करम भी शामिल है। सुदरू को पुलिस मुखबिर होने के संदेह में अगवा कर जंगल में ले जाया गया, जहां उसे उसके गांव के बाहरी इलाके में मृत पाया गया। सुदरू एक हेड कांस्टेबल का भाई था, जो हाल ही में नक्सल विरोधी अभियान में शामिल हुआ था।
हत्या की जिम्मेदारी लेते हुए
एक अन्य पीड़ित, भैरमगढ़ ब्लॉक के जागुर गांव के सीटू मंडावी को नक्सलियों ने अस्थायी कंगारू अदालत – जन अदालत में मार डाला। समूह ने मंडावी पर 2021 से पुलिस मुखबिर के रूप में काम करने का आरोप लगाया। तीसरी घटना मंगलवार को हुई जब मिरतुर थाना क्षेत्र के तिमनार में एक सुरक्षाकर्मी के एक अन्य रिश्तेदार करम सुदरू की हत्या कर दी गई।
नक्सलियों ने घटना की जिम्मेदारी लेते हुए मौके पर एक पर्चा भी छोड़ा। पिछले शुक्रवार को नक्सलियों की पूर्व चेतावनी के बावजूद गंगालूर थाना क्षेत्र के पुसनार में जमींदार लांचा पुनेम की भी हत्या कर दी गई। ये हत्याएं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान हुईं, जहां उन्होंने सात राज्यों के पुलिस महानिदेशकों के साथ नक्सल विरोधी रणनीतियों पर चर्चा की।
पुलिस कार्रवाई में
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (नक्सल अभियान) वैभव बैंकर ने सुझाव दिया कि हिंसा का उद्देश्य युवाओं को पुलिस बल में शामिल होने से रोकना था। उन्होंने कहा कि हमारे अब तक के सफल नक्सल विरोधी अभियानों के कारण वे भय पैदा करने के लिए इस तरह की कायरतापूर्ण हरकतें कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सतर्क हैं और उनके खिलाफ सभी आवश्यक कार्रवाई कर रहे हैं।