युवाओं में हार्ट अटैक: आजकल हार्ट अटैक से युवाओं की मौत के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। महज 14, 22, 30 और 35 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से मरने की खबरें अक्सर हमें झकझोर देती हैं। लेकिन आजकल ये एक सच्चाई है जिसे हम झुठला नहीं सकते।
युवाओं में दिल का दौरा पड़ने के कई मामले सामने आए हैं
हाल ही में उत्तर प्रदेश के महोबा से एक ऐसी ही चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें दिख रहा है कि एक प्राइवेट बैंक के एग्री रीजनल मैनेजर अपनी सीट पर बैठकर काम कर रहे हैं। तभी अचानक लैपटॉप पर काम करते-करते वह अपनी सीट पर पीछे की ओर गिर जाता है और बेहोश हो जाता है।
डॉक्टर ने बताया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई
फिर उसके साथी उसे अस्पताल ले जाते हैं। जहां डॉक्टर ने बताया कि उनकी मौत दिल का दौरा पड़ने से हुई है। मृतक बैंक कर्मचारी की पहचान राजेश कुमार शिंदे के रूप में हुई है और वह केवल 30 साल का था। इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं और युवाओं की दिनचर्या पर सवाल उठ रहे हैं।
एक प्रमुख संस्था की रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है
बता दें कि हाल ही में लैंसेट ने इस पर एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें उन्होंने खुलासा किया है कि साल 2030 तक देश की 60 फीसदी से ज्यादा आबादी निष्क्रिय हो जाएगी। इसका सबसे बड़ा कारण उचित शारीरिक गतिविधियों का अभाव होगा। इस कारण आबादी के इस हिस्से में बीमारी का ख़तरा भी बढ़ जाएगा। इस रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2000 से 2022 के बीच 197 देशों के लोगों पर की गई स्टडी में पाया गया कि साल 2022 में 52।6 फीसदी महिलाएं और 38।4 फीसदी पुरुष शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं थे।
भारतीय युवाओं में बढ़ती शारीरिक निष्क्रियता
इस रिपोर्ट का सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि भारतीय युवाओं में शारीरिक निष्क्रियता की दर 2000 में 22।3 प्रतिशत से बढ़कर 2022 में 49।4 प्रतिशत हो गई है और अपर्याप्त शारीरिक गतिविधि के मामले में भारत 195 देशों में से 12वें स्थान पर है।