कोलकाता बिड़ला मंदिर: आस्था और वास्तुकला का संगम

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कोलकाता में बिड़ला मंदिर एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और शहर के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है। इसका निर्माण भारतीय उद्योगपति बिड़ला परिवार द्वारा करवाया गया था। यहाँ इस मंदिर के इतिहास, दर्शन, और यात्रा की जानकारी दी जा रही है।

इतिहास

बिड़ला मंदिर का निर्माण 1970 में शुरू हुआ और 1996 में इसका उद्घाटन हुआ। इस मंदिर का निर्माण लगभग 26 सालों में पूरा हुआ। यह मंदिर भगवान कृष्ण और राधा को समर्पित है, लेकिन यहाँ अन्य देवी-देवताओं की भी मूर्तियाँ हैं।

वास्तुकला

बिड़ला मंदिर की वास्तुकला आधुनिक और पारंपरिक शैली का संगम है। यह सफेद संगमरमर से बना हुआ है और इसमें बारीक नक्काशी की गई है। मंदिर के बाहरी हिस्से में सुंदर जाली का काम और खिड़कियों पर रंगीन काँच की सजावट की गई है। मंदिर के भीतर भगवान कृष्ण और राधा की मूर्तियों के अलावा भगवान शिव, देवी दुर्गा, और भगवान गणेश की भी मूर्तियाँ हैं।

दर्शन

बिड़ला मंदिर में दर्शन का समय सुबह और शाम को होता है। मंदिर का वातावरण शांत और धार्मिक होता है, जो भक्तों को आस्था और शांति का अनुभव कराता है। यहाँ नियमित रूप से आरती और भजन का आयोजन किया जाता है।

यात्रा की जानकारी

  • स्थान: बिड़ला मंदिर कोलकाता के बालीगंज क्षेत्र में स्थित है।
  • पता: Ashutosh Chowdhury Avenue, Ballygunge, Kolkata, West Bengal 700019.
  • कैसे पहुंचे:
    • हवाई मार्ग: निकटतम हवाई अड्डा नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
    • रेल मार्ग: निकटतम रेलवे स्टेशन हावड़ा जंक्शन और सियालदह रेलवे स्टेशन हैं।
    • सड़क मार्ग: कोलकाता शहर के विभिन्न हिस्सों से बिड़ला मंदिर आसानी से पहुँचा जा सकता है। टैक्सी, बस, और ऑटो रिक्शा से यात्रा की जा सकती है।
  • दर्शन का समय:
    • सुबह: 5:30 बजे से 11:00 बजे तक
    • शाम: 4:30 बजे से 9:00 बजे तक

विशेष टिप्स

  • मंदिर परिसर में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं है।
  • मंदिर में प्रवेश के लिए कोई शुल्क नहीं है।
  • यहाँ का वातावरण धार्मिक और शांतिपूर्ण होता है, इसलिए आचरण और कपड़े पहनने में मर्यादा रखें।

बिड़ला मंदिर की यात्रा एक अद्भुत धार्मिक अनुभव प्रदान करती है, जहाँ आप भक्ति, आस्था और शांति का अनुभव कर सकते हैं।

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