कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने हाल ही में पेंशन, पीएफ और बीमा योजनाओं से जुड़े कई नियमों में बदलाव किए हैं। इन बदलावों का असर कर्मचारियों, नियोक्ताओं और पेंशनभोगियों पर होगा।
मुख्य बदलावों में शामिल हैं:
- कम हुआ जुर्माना: देरी से भुगतान करने पर लगने वाला जुर्माना कम कर दिया गया है। अब, पहले 1% प्रति माह की दर से जुर्माना लगता था, जो अब घटकर 0.5% प्रति माह हो गया है।
- ऑनलाइन सेवाओं में सुधार: ईपीएफओ ने ऑनलाइन सेवाओं को और बेहतर बनाने के लिए भी कदम उठाए हैं। अब, सदस्य अपनी पीएफ पासबुक, क्लेम फॉर्म और अन्य दस्तावेजों को ऑनलाइन डाउनलोड कर सकते हैं।
- पेंशनभोगियों के लिए सुविधा: पेंशनभोगियों को अब जीवन प्रमाण पत्र जमा करने के लिए बैंक या कार्यालय जाने की आवश्यकता नहीं होगी। वे इसे ऑनलाइन जमा कर सकते हैं।
- अंशदान बढ़ाने की सीमा में वृद्धि: कर्मचारी और नियोक्ता अपनी पसंद के अनुसार अपनी अंशदान राशि को अधिकतम 60% तक बढ़ा सकते हैं।
- पेंशन योजना में बदलाव: कर्मचारी अब अपनी पेंशन योजना का विकल्प चुन सकते हैं। वे EPS-95 या EPS-2001 में से किसी एक को चुन सकते हैं।
इन बदलावों का असर:
- कर्मचारियों पर: कम जुर्माना और बेहतर ऑनलाइन सेवाओं से कर्मचारियों को फायदा होगा। वे अब अपनी पीएफ और पेंशन योजनाओं का आसानी से प्रबंधन कर सकते हैं।
- नियोक्ताओं पर: नियोक्ताओं को अब कम जुर्माना देना होगा। हालांकि, अंशदान राशि बढ़ाने का विकल्प नियोक्ताओं के लिए बोझ हो सकता है।
- पेंशनभोगियों पर: पेंशनभोगियों को अब जीवन प्रमाण पत्र जमा करने में आसानी होगी। EPS-2001 में शामिल होने का विकल्प चुनने वाले पेंशनभोगियों को कई गुना अधिक पेंशन मिल सकती है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि ये केवल बदलावों का एक संक्षिप्त विवरण हैं। अधिक जानकारी के लिए, आप ईपीएफओ की वेबसाइट https://epfindia.gov.in/ देख सकते हैं।
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