प्रयागराज में गंगा-यमुना की बाढ़ का खतरा थमते ही, मंडरा रहा बीमारियों का खतरा

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प्रयागराज। प्रयागराज में गंगा-यमुना के कम होते जलस्तर से बाढ़ का खतरा तो फिलहाल टल गया है। लेकिन अब कम होते जलस्तर के बीच बीमारियों का खतरा भी मंडरा रहा है। बंधवा के पास जलस्तर कम होने से कीचड़ और कूड़ा भी पड़ा है। दो दिनों से गंगा व यमुना का जलस्तर तेजी के साथ कम हो रहा है। शनिवार सुबह आठ बजे छतनाग में गंगा का जलस्तर 80.62 मीटर रिकार्ड किया गया, जो कि शुक्रवार सुबह आठ बजे की तुलना में 52 सेंटीमीटर कम हुआ है, जबकि नैनी में यमुना का जलस्तर 81.14 मीटर रिकार्ड किया गया।

जलस्तर लगभग डेढ़ मीटर कम हुआ

जो पिछले 24 घंटे की तुलना 56 सेंटीमीटर कम हुआ। वहीं, शाम को छतनाग में जलस्तर 80.38 मीटर और नैनी में यमुना का जलस्तर 80.90 मीटर रिकॉर्ड किया गया। दो दिनों की बात की जाए तो जलस्तर लगभग डेढ़ मीटर कम हुआ है। लेकिन इस बीच गंदगी की समस्या हो रही है। बंधवा और बघाड़ा में सफाई न होने से कूड़े से दुर्गंध उठ रही है। क्षेत्र के अरविंद श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे ही रहा तो बीमारी का खतरा बढ़ जाएगा।

शनिवार सुबह गंगा जल मंदिर से निकल गया

सोमवार से शुरू होंगे हनुमान मंदिर में दर्शनबड़े हनुमान मंदिर का जलशयन शनिवार को पूरा हुआ। जलस्तर कम होने के साथ ही शनिवार सुबह गंगा जल मंदिर से निकल गया। मंदिर से जल निकलने के बाद पूरे दिन सेवकों ने गर्भगृह में भरा गंगाजल पंप लगाकर बाहर निकाला। मंदिर के पुजारियों ने बताया कि सफाई में वक्त लगेगा। मंदिर सोमवार से आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोला जाएगा। बड़े हनुमान मंदिर में बुधवार को ही गंगाजल का प्रवेश हुआ था। सुबह विधि विधान से पूजा की गई और इसके बाद मंदिर के कपाट दर्शन के लिए बंद कर दिए गए थे।

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