केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ AAP का विरोध: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के खिलाफ आम आदमी पार्टी प्रदर्शन कर रही है। आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ईडी और सीबीआई जैसी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। आप कार्यकर्ता और नेता आईटीओ के पास पार्टी कार्यालय पर एकत्र होकर भाजपा कार्यालय का घेराव किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए।
सरकार केजरीवाल को फंसाने के लिए ईडी और सीबीआई का कर रही इस्तेमाल
आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्वी दिल्ली लोकसभा सीट से पार्टी प्रत्याशी कुलदीप कुमार ने कहा कि सरकार सीएम केजरीवाल को फंसाने के लिए ईडी और सीबीआई का इस्तेमाल कर रही है। हम अपनी लड़ाई संसद, विधानसभा और सड़क पर लड़ेंगे, जांच शुरू होने के बाद से पिछले दो वर्षों में एजेंसियों को क्या मिला?
मुख्यमंत्री @ArvindKejriwal जी की साज़िशन गिरफ्तारी के खिलाफ AAP द्वारा भाजपा मुख्यालय का घेराव l LIVE #ReleaseKejriwal https://t.co/wqC31PlUCg
— AAP (@AamAadmiParty) June 29, 2024
आम आदमी पार्टी ने नहीं ली इजाजत: दिल्ली पुलिस
भाजपा कार्यालय की ओर बढ़ रहे प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए बैरिकेडिंग के साथ भारी पुलिस बल और आरपीएफ तैनात की गई है। आम आदमी पार्टी के बीजेपी मुख्यालय पर प्रदर्शन के आह्वान के बीच दिल्ली पुलिस ने कहा कि आप ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली थी।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए इंतजाम किये जा रहे हैं। क्योंकि, मध्य दिल्ली के दीनदयाल उपाध्याय (डीडीयू) मार्ग पर स्थित बीजेपी मुख्यालय पर किसी भी विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं ली गई है। उन्होंने कहा, अगर जरूरत पड़ी तो प्रदर्शनकारियों को हिरासत में भी लिया जा सकता है क्योंकि डीडीयू रूट पर पहले ही धारा 144 लागू कर दी गई है।
सीबीआई ने क्यों किया गिरफ्तार?
केजरीवाल को गिरफ्तार करने के पीछे सीबीआई का तर्क यह था कि वह उस कैबिनेट का हिस्सा थे जिसने उत्पाद शुल्क नीति को मंजूरी दी थी। जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 में रिश्वत लेने के बाद हितधारकों की इच्छा के अनुसार बदलाव किए गए। थोक विक्रेताओं के लिए लाभ मार्जिन 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया। सीबीआई ने कहा कि अरविंद केजरीवाल से पूछताछ और गिरफ्तारी के पीछे मुख्य कारण यह है कि मुख्यमंत्री के रूप में वह उस कैबिनेट का हिस्सा थे जिसने विवादास्पद नई उत्पाद नीति को मंजूरी दी थी।