लखनऊ: यूपी के 69 हजार शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपना फैसला सुनाते हुए इस भर्ती की पूरी मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने तीन महीने के अंदर नई मेरिट लिस्ट जारी करने का आदेश जारी किया है।
वहीं, हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि, इस मामले में खास तौर पर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलने का भरोसा दिलाया जाना चाहिए।
मायावती ने एक्स पर लिखा कि, यूपी में वर्ष 2019 में चयनित 69,000 शिक्षक अभ्यर्थियों की चयन सूची को रद्द करने और तीन महीने के अंदर नई सूची बनाने का हाईकोर्ट का फैसला साबित करता है कि सरकार ने अपना काम निष्पक्षता और ईमानदारी से नहीं किया है। इस मामले में खास तौर पर आरक्षण वर्ग के पीड़ितों को न्याय मिलने का भरोसा दिलाया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे लिखा कि, वैसे भी सरकारी नौकरियों की भर्ती में पेपर लीक आदि के मामले में यूपी सरकार का रिकॉर्ड काफी चर्चा में रहा है क्योंकि वह साफ-सुथरा नहीं रहा है। अब सहायक अध्यापकों की भर्ती ठीक से न होने से स्वाभाविक है कि इसका शिक्षा व्यवस्था पर बुरा असर पड़ेगा। सरकार को इस ओर ध्यान देना ही होगा।