मद्रास का 385वां स्थापना दिवस: एक ऐतिहासिक झलक

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22 अगस्त 1639 को मद्रास (जिसे अब चेन्नई कहा जाता है) की स्थापना हुई थी। यह दिन भारतीय इतिहास में महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि इसी दिन अंग्रेजों ने भारत में अपना पहला क़िला बनाने के लिए एक भूमि का अधिग्रहण किया था।

मद्रास की स्थापना की कहानी:

अंग्रेज़ ईस्ट इंडिया कंपनी ने 1639 में विजयवाड़ा के राजा से भूमि का एक टुकड़ा खरीदा था, जिसे आज हम मद्रास या चेन्नई के नाम से जानते हैं। इस भूमि पर, अंग्रेजों ने सेंट जॉर्ज किले (Fort St. George) का निर्माण किया, जो भारत में ब्रिटिश शासन का पहला महत्वपूर्ण सैन्य केंद्र बना। यह किला आज भी चेन्नई में मौजूद है और इसे शहर का प्रमुख ऐतिहासिक स्थल माना जाता है।

मद्रास की स्थापना कैसे हुई?

  • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी की भूमिका: 1639 में, ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने दक्षिण भारत में व्यापार के लिए एक किला बनाने की अनुमति मांगी।
  • फोर्ट सेंट जॉर्ज का निर्माण: कंपनी को स्थानीय राजा से भूमि मिली और उन्होंने फोर्ट सेंट जॉर्ज का निर्माण किया। यह किला मद्रास शहर की नींव था।
  • मछुआरे के नाम पर पड़ा नाम: एक कहानी के अनुसार, इस क्षेत्र में रहने वाले एक मछुआरे को ईसाई धर्म में परिवर्तित किया गया और उसका नाम मदरसन रखा गया। इसी मछुआरे के नाम पर इस क्षेत्र का नाम मद्रास पड़ा।
  • पुर्तगाली मूल: कुछ इतिहासकारों का मानना है कि पुर्तगाली व्यापारियों ने इस क्षेत्र का नाम ‘माद्रे दे डेस’ रखा था, जो बाद में ‘मद्रास’ बन गया।

मद्रास से चेन्नई कैसे हुआ?

  • स्थानीय नाम: मद्रास नाम अंग्रेजी मूल का था। स्थानीय रूप से इस क्षेत्र को चेन्नपट्टनम कहा जाता था।
  • नाम परिवर्तन: 1996 में, तमिलनाडु सरकार ने शहर का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया। यह स्थानीय नाम को अधिक महत्व देने का एक प्रयास था।

मद्रास/चेन्नई का महत्व

  • व्यापार और वाणिज्य का केंद्र: मद्रास हमेशा से व्यापार और वाणिज्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है।
  • शैक्षणिक केंद्र: शहर में कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं।
  • सांस्कृतिक केंद्र: मद्रास अपनी समृद्ध संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है।
  • औद्योगिक केंद्र: शहर में कई बड़े उद्योग हैं।

आज, चेन्नई भारत का एक प्रमुख महानगर है। यह शहर अपनी तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था, समृद्ध इतिहास और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाता है।

मद्रास का इतिहास 

मद्रास, अब चेन्नई के नाम से जाना जाता है, भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक महानगर है। इसका इतिहास बेहद समृद्ध और विविध है। आइए इसके बारे में कुछ और जानते हैं:

  • मद्रास का नामकरण: मद्रास नाम की उत्पत्ति के बारे में कई कहानियां प्रचलित हैं। एक कहानी के अनुसार, इसका नाम एक मछुआरे ‘माद्रेसन’ के नाम पर पड़ा था। एक अन्य कहानी के अनुसार, यहां एक मदरसा या चर्च था जिसके कारण इस स्थान का नाम मद्रास पड़ गया। हालांकि, इनमें से किसी भी कहानी की पुष्टि नहीं हुई है।
  • ब्रिटिश शासन का आरंभ: 1639 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने फोर्ट सेंट जॉर्ज का निर्माण किया, जिसके साथ ही मद्रास शहर की नींव पड़ी। धीरे-धीरे, यह ब्रिटिश भारत का एक प्रमुख व्यापारिक केंद्र बन गया।
  • सांस्कृतिक विरासत: मद्रास सदियों से विभिन्न संस्कृतियों का संगम रहा है। यहां हिंदू, मुस्लिम, ईसाई और अन्य धर्मों के लोग रहते हैं। शहर में कई प्राचीन मंदिर, चर्च और मस्जिदें हैं जो इसकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाती हैं।
  • शैक्षणिक केंद्र: मद्रास हमेशा शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र रहा है। यहां कई प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय और कॉलेज स्थित हैं।
  • स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका: मद्रास ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। कई स्वतंत्रता सेनानियों ने यहां से अपना संघर्ष शुरू किया था।
  • मद्रास से चेन्नई: 1996 में, मद्रास का नाम बदलकर चेन्नई कर दिया गया। हालांकि, स्थानीय लोग आज भी इसे मद्रास के नाम से पुकारते हैं।

चेन्नई के प्रमुख पर्यटन स्थल

दक्षिण भारत का दिल: चेन्नई, या मद्रास, भारत का एक जीवंत महानगर है जो अपनी समृद्ध संस्कृति, स्वादिष्ट भोजन और ऐतिहासिक स्थलों के लिए जाना जाता है। यदि आप चेन्नई घूमने की योजना बना रहे हैं, तो आपको कई अद्भुत जगहों की यात्रा करनी चाहिए।

आइए, चेन्नई के कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों पर एक नज़र डालते हैं:

समुद्र तटों की रानी

मरीना बीच: भारत के सबसे लंबे समुद्र तटों में से एक, मरीना बीच चेन्नई की पहचान है। यह शाम को घूमने और स्थानीय लोगों के साथ मेल-जोल करने के लिए एक आदर्श स्थान है।

मरीना बीच चेन्नई

कोवलम बीच: यह एक शांत और स्वच्छ समुद्र तट है, जो उन लोगों के लिए एकदम सही है जो शांति और एकांत चाहते हैं।

कोवलम बीच चेन्नई

कपालीश्वर मंदिर: यह एक प्राचीन मंदिर है जो शिव को समर्पित है। इसकी वास्तुकला दक्षिण भारतीय शैली का एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

कपालीश्वर मंदिर चेन्नई

सेंट जॉर्ज चर्च: यह चर्च चेन्नई में सबसे पुराने यूरोपीय चर्चों में से एक है। इसकी वास्तुकला अंग्रेजी शैली की है।

सेंट जॉर्ज चर्च चेन्नई

सेंट जॉर्ज किला: यह किला 17वीं शताब्दी में बनाया गया था और यह चेन्नई के इतिहास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

सेंट जॉर्ज किला चेन्नई

वंडलूर चिड़ियाघर: यह भारत के सबसे बड़े चिड़ियाघरों में से एक है और यहां आप विभिन्न प्रकार के जानवरों को देख सकते हैं।

गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान चेन्नई

गुइंडी राष्ट्रीय उद्यान: यह एक शांत और हरा-भरा उद्यान है, जहां आप प्रकृति का आनंद ले सकते हैं।

म्यूजियम: चेन्नई में कई संग्रहालय हैं, जहां आप कला, इतिहास और संस्कृति के बारे में जान सकते हैं।

टी नगर: यह चेन्नई का सबसे बड़ा बाजार है, जहां आपको कपड़े, जूते, गहने और अन्य सामान मिल सकते हैं।

भोजन

चेन्नई में आपको दक्षिण भारतीय भोजन के कई स्वादिष्ट व्यंजन मिलेंगे।
चेन्नई में घूमने के लिए सबसे अच्छा समय: अक्टूबर से मार्च तक का समय चेन्नई घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है।

यात्रा की योजना बनाते समय, आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए:

कहां ठहरें: चेन्नई में कई होटल और गेस्ट हाउस हैं। आप अपनी बजट और पसंद के अनुसार कोई भी जगह चुन सकते हैं।

कैसे पहुंचें: चेन्नई हवाई अड्डा और रेलवे स्टेशन अच्छी तरह से जुड़े हुए हैं। आप यहां भारत के किसी भी शहर से आसानी से पहुंच सकते हैं।

यातायात: चेन्नई में ऑटो रिक्शा, टैक्सी और बसें आसानी से उपलब्ध हैं।

अतिरिक्त सुझाव:

स्थानीय भाषा सीखें: कुछ बुनियादी तमिल शब्द सीखना आपके लिए फायदेमंद होगा।
स्थानीय भोजन का आनंद लें: चेन्नई में आपको कई स्वादिष्ट दक्षिण भारतीय व्यंजन मिलेंगे।
स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करें: स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करके आप चेन्नई के बारे में अधिक जान सकते हैं।

चेन्नई की संस्कृति और परंपराएँ: एक विस्तृत नज़र

चेन्नई, भारत की सांस्कृतिक राजधानी के रूप में प्रसिद्ध है। इसकी समृद्ध संस्कृति और परंपराएँ सदियों से यहां के लोगों के जीवन का अभिन्न हिस्सा रही हैं। आइए, चेन्नई की कुछ प्रमुख विशेषताओं पर एक नज़र डालते हैं:

1. तमिल संस्कृति का केंद्र:

  • भाषा: तमिल भाषा यहां की मुख्य भाषा है, जो दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है।
  • साहित्य: चेन्नई तमिल साहित्य का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है। कई प्रसिद्ध तमिल कवि और लेखक यहां से निकले हैं।
  • त्यौहार: तमिलनाडु के त्योहारों जैसे पोंगल, दीपावली, और नवरात्रि को यहां बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है।

2. संगीत और नृत्य:

  • कार्नाटक संगीत: चेन्नई कार्नाटक संगीत का एक प्रमुख केंद्र है। यहां कई प्रसिद्ध संगीतकार और गायक रहते हैं।
  • भारतनाट्यम: भारतनाट्यम, एक शास्त्रीय भारतीय नृत्य शैली, चेन्नई में बहुत लोकप्रिय है।
  • फिल्म उद्योग: चेन्नई में तमिल फिल्म उद्योग का केंद्र है, जिसे ‘कोलीवुड’ के नाम से भी जाना जाता है।

3. खाना:

  • इडली, डोसा और सांभर: चेन्नई का खाना दक्षिण भारतीय खाने का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इडली, डोसा और सांभर यहां के लोकप्रिय नाश्ते हैं।
  • मिठाई: चेन्नई की मिठाइयाँ, जैसे कि मिल्क पेड़ा और चक्की पोंगल, बहुत स्वादिष्ट होती हैं।

4. वास्तुकला:

  • द्रविड़ शैली: चेन्नई की वास्तुकला में द्रविड़ शैली का प्रभाव देखा जा सकता है। कई मंदिर और इमारतें इस शैली में बनी हुई हैं।
  • ब्रिटिश वास्तुकला: ब्रिटिश शासन के दौरान कई इमारतें बनाई गई थीं, जिनमें से कुछ आज भी शहर की शोभा बढ़ाती हैं।

5. धर्म:

  • हिंदू धर्म: हिंदू धर्म यहां का प्रमुख धर्म है।
  • अन्य धर्म: मुस्लिम, ईसाई और सिख समुदाय भी यहां रहते हैं।

6. परंपराएँ:

  • तिरुवल्लुवर: तिरुवल्लुवर, एक तमिल कवि और दार्शनिक, यहां बहुत सम्मानित हैं।
  • गोपालकृष्ण भारती: गोपालकृष्ण भारती, एक तमिल विद्वान, यहां के लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

चेन्नई की संस्कृति और परंपराएँ बहुत विविध और समृद्ध हैं। यहां के लोग अपनी संस्कृति और परंपराओं को बहुत गर्व के साथ निभाते हैं।

क्या आप चेन्नई के किसी विशेष पहलू के बारे में अधिक जानना चाहते हैं? उदाहरण के लिए, आप चेन्नई के मंदिरों, त्योहारों, या खाने के बारे में अधिक जानना चाह सकते हैं।

चेन्नई के सबसे प्रसिद्ध मंदिर

चेन्नई, दक्षिण भारत का एक जीवंत शहर है, जो अपनी समृद्ध संस्कृति और धार्मिक विरासत के लिए जाना जाता है। यहां कई प्राचीन और सुंदर मंदिर हैं जो वास्तुकला और धार्मिक महत्व के दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण हैं। आइए, चेन्नई के कुछ सबसे प्रसिद्ध मंदिरों पर एक नज़र डालते हैं:

1. अरुल्मिगु श्री पार्थसारथीस्वामी मंदिर

यह मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है और इसे चेन्नई का सबसे पुराना मंदिर माना जाता है। इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में चोल राजाओं द्वारा करवाया गया था। मंदिर की वास्तुकला द्रविड़ शैली की है और इसकी भव्यता देखते ही बनती है।

2. कपालेश्वर मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे चेन्नई शहर का दिल माना जाता है। मंदिर की स्थापना 7वीं शताब्दी में हुई थी और इसे कई बार पुनर्निर्मित किया गया है। मंदिर का गोपुरम (प्रवेश द्वार) बहुत ही आकर्षक है और यह दूर से ही दिखाई देता है।

3. अरूपदाई विदु मुरुगन मंदिर

यह मंदिर भगवान मुरुगन को समर्पित है और यह चेन्नई के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक है। मंदिर की स्थापना 1987 में हुई थी और इसकी वास्तुकला आधुनिक है। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसकी विशाल मूर्ति है।

4. कालीकंबल मंदिर

यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और इसे चेन्नई के सबसे पुराने मंदिरों में से एक माना जाता है। मंदिर की स्थापना 9वीं शताब्दी में हुई थी और इसकी वास्तुकला द्रविड़ शैली की है। मंदिर का गोपुरम बहुत ही सुंदर है और यह दूर से ही दिखाई देता है।

5. पंबन स्वामी मंदिर

यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है और यह रामेश्वरम जाने वाले मार्ग पर स्थित है। मंदिर की स्थापना 12वीं शताब्दी में हुई थी और इसकी वास्तुकला द्रविड़ शैली की है। मंदिर का मुख्य आकर्षण इसका समुद्र तट के किनारे स्थित होना है।

अन्य प्रसिद्ध मंदिर:

  • रत्नागिरिश्वरर मंदिर
  • श्री अष्टलक्ष्मी मंदिर
  • श्री इलैयाम्मल मंदिर
  • वरसिद्धि विनयगर मंदिर

चेन्नई के इन मंदिरों की यात्रा क्यों करें?

  • धार्मिक महत्व: ये मंदिर धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण हैं और यहां आकर आप आध्यात्मिक शांति प्राप्त कर सकते हैं।
  • वास्तुकला: इन मंदिरों की वास्तुकला द्रविड़ शैली की है और यह बेहद खूबसूरत है।
  • संस्कृति: इन मंदिरों में आप चेन्नई की समृद्ध संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
  • शांति: मंदिरों का वातावरण बहुत ही शांत और सुखद होता है।

यात्रा की योजना बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें:

  • मंदिर के नियमों का पालन करें: प्रत्येक मंदिर के अपने नियम होते हैं, इसलिए मंदिर में प्रवेश करने से पहले नियमों को जरूर पढ़ लें।
  • सही कपड़े पहनें: मंदिर में प्रवेश करने के लिए उचित कपड़े पहनें।
  • फोटोग्राफी: कुछ मंदिरों में फोटोग्राफी की अनुमति नहीं होती है।
  • दान: आप मंदिर में दान कर सकते हैं।

लेखक: सोनू वर्मा

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