वाशिंगटन: मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में शामिल होने के आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को एक अमेरिकी अदालत ने बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है कि प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है।
नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय ने 15 अगस्त को अपने फैसले में कहा कि भारत-अमेरिका प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है। राणा ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी जिला न्यायालय के आदेश के खिलाफ नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय में याचिका दायर की थी।
फैसले की पुष्टि
कैलिफोर्निया की अदालत ने उसकी बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को खारिज कर दिया था। बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में उसकी कथित संलिप्तता के लिए उसे भारत प्रत्यर्पित करने के मजिस्ट्रेट न्यायाधीश के आदेश को चुनौती दी गई थी। नौवें सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय के न्यायाधीशों ने पैनल के जिला न्यायालय के फैसले की पुष्टि की।
प्रत्यर्पण संधि की शर्तें
प्रत्यर्पण आदेश की बंदी प्रत्यक्षीकरण समीक्षा के सीमित दायरे के तहत, पैनल ने माना कि राणा के खिलाफ आरोप अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आते हैं। अमेरिका की जेल में बंद राणा पर मुंबई हमलों में शामिल होने का आरोप है।
166 लोगों की मौत
माना जाता है कि वह पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का साथी है, जो मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक है। इन आतंकवादी हमलों में छह अमेरिकी नागरिकों सहित कुल 166 लोग मारे गए थे।