नई दिल्ली। एसआइटी ने जेडीएस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एसआइटी ने बलात्कार के मामले में पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की है। एसआइटी ने यौन उत्पीड़न मामले में प्रज्वल के साथ-साथ उनके पिता और विधायक एचडी रेवन्ना के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की है। जानकारी के मुताबिक, एसआइटी प्रज्वल के खिलाफ चार मामलों की जांच कर रही है। जिसकी जांच में करीब 150 गवाहों के बयानों के आधार पर 2,000 से ज्यादा पन्नों में आरोप दाखिल किए गए हैं।
एसआइटी द्वारा विशेष अदालत में दाखिल चार्जशीट में रेवन्ना परिवार की घरेलू सहायिका के कथित यौन शोषण से जुड़े आरोप भी शामिल हैं। इस चार्जशीट में घटनास्थल का निरीक्षण, जैविक, भौतिक, वैज्ञानिक, मोबाइल, डिजिटल और अन्य साक्ष्य शामिल हैं। एसआइटी सूत्रों ने बताया है कि चार्जशीट दाखिल करने से पहले विशेषज्ञों की राय भी ली गई है।
कौन हैं प्रज्वल रेवन्ना?
प्रज्वल पूर्व प्रधानमंत्री और जनता दल (सेक्युलर) के प्रमुख एचडी देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी के भतीजे हैं। प्रज्वल के पिता एचडी रेवन्ना राज्य में पूर्व लोक निर्माण मंत्री और बेंगलुरु से सांसद रह चुके हैं। प्रज्वल मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक हैं। वे पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया भी गए हैं। वे पिछले करीब एक दशक से जेडीएस के साथ हैं। रेवन्ना ने 2019 में हासन से लोकसभा चुनाव भी जीता था।
पिता-पुत्र पर लगाए गए आरोप
पिता एचडी रेवन्ना पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354 और 354 (ए) के तहत आरोप लगाए गए हैं, जबकि प्रज्वल पर भारतीय दंड संहिता की धारा 376, 376 (2) (के), 354, 354 (ए) और 354 (बी) के तहत आरोप लगाए गए हैं। दोनों के खिलाफ उनके घर पर काम करने वाले एक हेल्पर ने शिकायत दर्ज कराई थी। बताया जा रहा है कि पीड़िता भी उनकी दूर की रिश्तेदार लगती है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनका कई बार यौन उत्पीड़न किया गया।
2024 के चुनाव के दौरान मामले का खुलासा हुआ
2024 के लोकसभा चुनाव में दूसरे चरण के मतदान से पहले सोशल मीडिया पर कई सनसनीखेज अश्लील वीडियो सामने आए, जिनमें प्रज्वल को दिखाया गया। इन वीडियो में प्रज्वल कई महिलाओं का यौन शोषण करते नजर आए। इसके सामने आने के बाद लोगों में गुस्सा भी फैल गया। कर्नाटक राज्य महिला आयोग ने पूरे मामले की जांच की मांग की। इस संबंध में कांग्रेस सरकार को पत्र लिखा। जिसके बाद सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए।